ऑनलाइन शिक्षा और सामाजिक असमानता
पूरा विश्व कोरोनावायरस की चपेट में है ,प्रतिदिन हज़ारों लोग मर रहे हैं और हज़ारों लोग इस बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं, इस महामारी से कोई भी अछूता नहीं है चाहे वो किसी भी धर्म का हो किसी भी प्रांत का हो।
इस महामारी ने पूरे विश्व को बहुत प्रभावित किया है चाहे वो आर्थिक छोर पर हो या सामाजिक छोर पर हो
शिक्षा पर भी इसका ख़ासा प्रभाव पड़ा है.
विश्व के बड़े बड़े अर्थशास्त्री बड़ी बड़ी हस्तियां आर्थिक सामाजिक छोर पर लिख चुके है . शैक्षणिक छोर पर भी कई प्रोफ़ेसर लिख चुके हैं जैसे कि जिंदल यूनिवर्सिटी के श्रीराम चोलिया |
ये बात सही है कि हर विपदा अपने साथ संभावनाएं भी लगती है जैसे की परंपरागत शिक्षा से ऑनलाइन शिक्षा की ओर बढ़ना,शिक्षा पद्धति में बदलाव एवं योग्यता नापने के नए नए पैमाने इत्यादि
क्योंकि अभी पूरा देश लॉकडाउन में है मानव संसाधन मंत्रालय कॉलेजों वह स्कूलों में ऑनलाइन ऑन लाइन शिक्षा को बढ़ावा देने पर जो डाल रहा है पर इससे पहले हमें ये देखना होगा कि कितने लोगों के पास स्मार्टफ़ोन है और कितने लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा है।
उदाहरण के तौर पर मेरी गृह ज़िले जालोर में प्रशासन ने शिक्षकों को आदेश दिया है कि वे बच्चों व अभिभावकों का वॉट्सएप ग्रुप बनाए एवं शिक्षक सामग्री वाट्सएप पर वितरित करें ,इस पर एक शिक्षिका ने मुझे बताया कि उनकी 30 की संख्या वाली क्लास में सिर्फ़ चार बच्चों के पास वाट्सएप की सुविधा है ,ये दर्शाता है हमारी सामाजिक असमानता को |
किसी भी फ़ैसले को लेने से पहले ज़रूरी है कि उसके सारे पहलुओं को सही से परखा जाए और ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने में भी यह बात लागू होती है | हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा संसाधनों की कमी से शिक्षा से वंचित न रह जाएं वरना जिन गांधी की जयंती को हम बहुत धूमधाम से मनाते हैं उन्हीं के टलिस्मान का अनादर करेंगे।
मानव संसाधन मंत्रालय ने इस और सुझाव माँगे हैं ये एक अच्छी पहल है . सरकार को चाहिए कि वे सारे शिक्षाविदों को संज्ञान में लेकर इस ओर ध्यान दें एवं यह तय करें कि ग़रीबी के बोझ तले दबे हुए लोगों पर और बोझ न पड़े|
पाश ने कहा था सबसे ख़तरनाक होता है अपने सपनों का मर जाना और सपनों को पूरा करने में सबसे बड़ा योगदान होता है शिक्षा का तो हमें सुनिश्चित करना होगा कि यदि हम हम नई पद्धति की ओर बढ़ रहे हैं तो सबको साथ लेकर बढ़े कोई भी इसमें पीछे ना रहे हैं |
हमारे प्रधानमंत्री जी का नारा है सबका साथ सबका विकास ,उसको सफल बनाने में यह क़दम बहुत ज़रूरी है|
धन्यवाद!
Comments
Post a Comment